Monday, December 16, 2019

संख्या के योग निकालना


संख्या के योग :-
1. लगातार n प्राकृत संख्या का योग = 1 + 2 +---+n = n(n+1)/2
2. लगातार n तक की विषम संख्या का योग = (n+1)2/4
3. लगातार n सम संख्या का योग = n(n+1)
4. लगातार n प्राकृत संख्या के वर्गों का योग = n(n+1)(2n+1)/6
5. लगातार n प्राकृत संख्या के घनो का योग = n2 (n+1)2/4
6. प्रथम n विषम संख्या का योग = n2

उदाहरण :- प्रथम 10 विषम संख्या का योग बताएं
हल :- (10)2 = 100 ( सूत्र संख्या = 6)

उदाहरण :- 1 से 101 तक की विषम संख्या का योग बताये
हल :- (1 + 101)2 / 4= 2601 ( सूत्र संख्या = 2)

उदाहरण :- 1 से 100 तक के सभी संख्या का योग बताइए
हल :- (100 × 101)/ 2 = 5050

अब कल्पना कीजिये की आपको सख्या के बीच के लगातार संख्याओं का योग निकालना है तो आप कैसे निकालेंगे

उदाहरण :- 65 + 66 + - - - + 100 = ?
ऐसे प्रश्नों के हल के लिए सबसे पहले आपको दोनों संख्याओं के बीच में कितनी संख्या है ये निकालना होगा और फिर संख्या का योग निकालेंगे.

कुल संख्या (n) = (अंतिम संख्या – प्रथम संख्या) +1
                     सार्व अंतर
34 + 35 + ----- + 89 के बीच की कुल संख्या = (89 – 34) + 1 = 56
                                            35 – 34
अब इनका योग निकालने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग करें
योग = (अंतिम संख्या + प्रथम संख्या) x n
               2
अतः 34 + 35 + ----- + 89 = (34 + 89) x 56  = 3444

                                  2
उदाहरण:- 16 + 20 + - - - +96 = ?
हल:-  कुल संख्या (n) = (अंतिम संख्या – प्रथम संख्या) +1
                         सार्व अंतर
                   = (96 – 16) /4 + 1 = 21
योग = (अंतिम संख्या + प्रथम संख्या) x n
               2
    = (96 + 16) x 21 = 1176
          2

डॉ राजेश कुमार ठाकुर 

अभाज्य गुणनखंड की संख्या निकालना


अभाज्य गुणनखंड 

किसी भाज्य संख्या को अभाज्य संख्या से भाग देकर हम उसका अभाज्य गुणनखंड निकाल सकते हैं
60 = 2 x 2 x 3 x 5
18 = 2 x 3 x 3
100 = 2 x 2 x 5 x 5
किसी भाज्य संख्या को दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके

    क)     यदि संख्या N पूर्ण वर्ग ना हो तो इसे दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके = ½ (N के अभाज्य गुणनखंड की संख्या)

   ख)     यदि संख्या एक पूर्ण वर्ग हो तो दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके = ½ (N के अभाज्य गुणनखंड की संख्या + 1)

उदाहरण :- 180 को दो संख्याओं के गुणन में कितने तरीके से लिखा जा सकता है

हल :- चूँकि 180 एक पूर्ण वर्ग नही है अतः इसे दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके = ½ (N के अभाज्य गुणनखंड की संख्या)
180 = 2 x 2 x 3 x 3 x 5 = 22 x 32 x 51
गुणनखंड की कुल संख्या = (2+1) x ( 2 + 1) x ( 1 + 1) = 18

दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके = 18/2 = 9

उदाहरण :- 100 को दो संख्याओं के गुणन में कितने तरीके से लिखा जा सकता है
हल :- चूँकि 100 एक पूर्ण वर्ग है अतः इसे दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके = ½ (N के अभाज्य गुणनखंड की संख्या + 1)
100 = 2 x 2 x 5  x 5 = 22 x 52

गुणनखंड की कुल संख्या = (2+1) x ( 2 + 1) = 9
दो संख्याओं के गुणन में लिखने के तरीके = ( 9 + 1 )/2 = 5



डॉ राजेश कुमार ठाकुर

भाज्यता की जाँच


भाज्यता की जाँच :-
2 :- कोई संख्या 2 से बिभाजित होगी यदि इकाई अंक 0,2,4,6,और 8 हो. जैसे – 978 , 4567890

3:- कोई संख्या 3 से बिभाजित होगी यदि संख्या के सभी अंको का योग 3 से विभाज्य हो. जैसे – 954 के सभी अंक का योग 9 + 5 + 4 = 18 , 3 से विभाज्य है अतः 954 भी 3 से विभाजित है .

4:- कोई संख्या 4 से बिभाजित होगी यदि अंतिम दो अंक (इकाई अंक दहाई अंक) 4 से विभाजित हो या अंतिम दो अंक 00 हो.
928 , 4 से विभाज्य है क्योंकि 28 , 4 से भाजित है .

5 :- कोई संख्या 5 से बिभाजित होगी यदि इकाई अंक 0 और 5 हो . जैसे – 120 , 2567965

6:- कोई संख्या 2 से बिभाजित होगी यदि वह 2 और 3 से विभाज्य होगी . 126 , 2 और 3 से विभाजित होती है अतः यह 6 से विभाजित होगी.                                           

7 :- संख्या के अंकों को विपरीत क्रम में (दायीं से बायीं ओर) ले और इन्हें क्रमशः 1, 3, 2, 6, 4, 5 से गुणा करें और यह क्रम जब तक आवश्यक हो दुहरायें . परिणाम को योग करें और यदि यह परिणाम 7 से विभाज्य हो तो मूल संख्या भी 7 से बिभाज्य होगी .
उदहारण :-क्या  1603 , 7 से विभाज्य है ? 

3 x 1 +0 x 3 + 6 x 2 +1 x 6 =21, 7 से विभाज्य है अतः 1603 भी 7 से विभाज्य होगी.

8:  कोई संख्या 8 से बिभाजित होगी यदि अंतिम तीन अंक (इकाई, दहाई और सैकड़ा अंक ) 8 से विभाजित हो या अंतिम तीन अंक 000 हो . जैसे - 28000 , 856,  

9:- कोई संख्या 9 से बिभाजित होगी यदि संख्या के सभी अंको का योग 9 से विभाज्य हो. जैसे – 954 के सभी अंक का योग 9 + 5 + 4 = 18 , 9 से विभाज्य है अतः 954 भी 9 से विभाजित है .

10:- कोई संख्या 10 से बिभाजित होगी यदि इकाई अंक 0 हो . जैसे – 120 , 25679650

11:- कोई संख्या 11 से विभाजित होगी यदि इसके सम स्थानों पर स्थित संख्या और विषम स्थान पर स्थित संख्या के योग का अंतर 11 से भाजित हो या 0 हो.

2321, में सम स्थान पर स्थित संख्या का योग = 2 + 2 = 4 तथा विषम स्थान पर स्थित संख्या का योग = 1 + 3 = 4 एवं इनका अंतर 4 – 4 = 0 है , अतः यह 11 से भाजित होगी

उदाहरण :- 234*5 यदि 9 से विभाजित है तो * के स्थान पर क्या आएगा?
हल :- 2+3+4+5 = 14 , उपरोक्त नियम से  9 से विभाजित होने के लिए संख्या का योग 9 का गुणनफल होना चाहिए. अतः * = 18 – 14 = 4

उदाहरण:- यदि x एवं y संख्या 653xy के दो अंक हैं जो 80 से विभाजित है तो x + y =?
a) 2                         b)3                          c) 4                         d)5
हल :- संख्या 80 = 8 x 10 से विभाजित है , 10 से विभाजित होने के लिए इकाई अंक 0 होना चाहिए , अतः y = 0 होगा . साथ ही 8 से कोई संख्या तभी विभाजित होगी यदि अंतिम तीन अंक  8 से विभाजित होना आवश्यक है , अतः x = 2 और x + y = 2 + 0 = 2 होगा

प्रश्न :- क्या 666666 को 7 से विभाजित किया जा सकता है ?
हल :- 666666 ÷ 7 = 95238
अतः 666666 को 7 से पूर्णतया विभाजित किया जा सकता है.
नियम :- यदि किसी संख्या का 6, 12, 18 बार --- पुनरावृति हो रहा हो तो संख्या 3, 7, 11 , 13 से विभाजित होगी .

डॉ राजेश कुमार ठाकुर 

दो परिमेय संख्या के बीच अनगिनत परिमेय संख्या निकालना


दो परिमेय संख्या के बीच अनगिनत परिमेय संख्या निकालना:-

यदि दो संख्या p और q हैं और इनके बीच हमें n परिमेय संख्या निकालना है तो इसके दो बिधि है
पहली विधि :- इस सूत्र में n = 1, 2, 3, ----- है


उदाहरण:- 2 और 3 के बीच 2 परिमेय संख्या निकालें
हल :- यहाँ p = 2 और q = 3 है , पहली संख्या के लिए n = 1 लेने पर 5/2 तथा n = 2 रखने से 8/3 प्राप्त होती है. आप n के अलग अलग मान के लिए अपनी इच्छा से अनगिनत संख्या निकाल सकते हैं .

दूसरी विधि :- संख्य को 10 से गुना और भाग करें

2 = 20/10  और 3 = 30/10 लिख सकते हैं.
21/ 10 , 22/ 10 , 23/ 10 -----------29/ 10 परिमेय संख्या है . आप 100 से गुना और भाग देकर और भी अधिक संख्या निकाल सकते हैं
2 = 200/ 100 और 3 = 300 / 100 है और 201/ 100 , 202/ 100---------------299/ 100 परिमेय है.

डॉ राजेश कुमार ठाकुर

गणित और रामायण

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