Saturday, February 2, 2019

एडिसन की तरह कैसे बने


एडिसन की तरह कैसे बने
किसी के जैसे बनने का अर्थ उसके सपनो को जीना है. जीवन में सरलता से जो चीजें प्राप्त हो उसकी अहमियत कठिनाई से पाए छोटे से लक्ष्य के मुकाबले कम है पर इसका मतलब ये कतई नही की आप अपने पंखो को मोड़ ऊँचे आसमान में उड़ान लगाने निकल पड़ें. थॉमस अल्वा एडिसन ने अपने जीवन काल में 1093 पेटेंट प्राप्त किये और तकरीबन 3500 नोटबुक जो आज संरक्षित है छोड़ गए.
ये सारे नोटबुक उनके ज्वलंत दिमाग में उठने वाले खोजो का एक दर्पण है. 

एडिसन मानते थे कि किसी खोज को करने के पहले आपके दिमाग में सैकड़ों – हजारों विचार आने आवश्यक है क्योंकि अधिक विचार आपके मस्तिष्क की उत्पादकता को दर्शाता है. 

एडिसन अपने पास किसी को नौकरी देने से पहले ये तय करते थे की अमुख व्यक्ति के सोचने की शक्ति दूसरों से किस तरह से भिन्न है फिर वो उस व्यक्ति को शाम को खाने के लिए आमंत्रित करते और पहले स्वयं खाने की शुरुआत कर कहते की खाने में नमक कम है और ऐसा कहते हुए वो उम्मीदवार की हरकतों को ध्यान से देखते थे की क्या उम्मीदवार ने खाना चखने की कोशिश के बाद कोई प्रतिक्रिया दी या पूर्व में ही नमक मिला दिया.

 उन्होंने अपने यहाँ काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया था और ये लक्ष्य उनपर भी समान रूप से लागू होता था. एल्कलाइन स्टोरेज सेल बैटरी बनाने के पूर्व तकरीबन 50000 प्रयोग किये गए थे जो असफल हुए. अर्थात यदि आपको एडिसन बनना है तो आपके अन्दर हार न मानने की जिद होनी जरुरी है और जिद वो जो विना कुछ हासिल किये रुके नहीं.

खड़ा हिमालय बता रहा है , डरो न आंधी पानी से
खड़े रहो तुम अविचल होकर, हर संकट तुफानो से

अपने धुन के पक्के, खुद पर आत्मविश्वास , आत्मचिंतन करने की उत्कंठा, विचारों में नयापन और जुझारू व्यक्तित्य इन सबको समाहित कर आप निश्चित ही एडिसन बन सकते हैं.

डॉ राजेश कुमार ठाकुर 

गणित और रामायण

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