Wednesday, August 19, 2020

गणित की रोचक बातें - 11

                                                          गणित की रोचक बातें 

1.        चार्ल्स लुडविन डॉगसन का नाम तो आपने सुना हो या ना सुना हो पर ऐलिस इन वंडरलैंड कहानी के लेखक लुईस कैरोल का नाम आपने शर्तिया सुना होगा | दरअसल चार्ल्स अपने छद्म नाम लुईस कैरोल से बच्चों की कहानियां लिखते थे पर असल जिन्दगी में वो एक गणितज्ञ थे | उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के उपरांत क्राइस्ट कॉलेज में प्राध्यापक के पद पर नौकरी की | 1856 में क्राइस्ट चर्च के डीन के पद पर हेनरी लिडेल की नियुक्ति हुई और यहीं से एक गणितज्ञ के कहानीकार बनने का सफर शुरू हुआ. लिडेल के तीन बच्चे थे जिनमे सबसे छोटी बेटी का नाम ऐलिस था. ऐलिस से चार्ल्स की गहरी दोस्ती थी और घंटो ऐलिस को अपने साथ बिठाकर उसे नई नई सपनों के संसार की कहानिया सुनाते. ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजावेथ भी ऐलिस इन वंडरलैंड के प्रशंसकों में से एक थी.  उनकी कहानियों में भी अंकगणित की झलक मिलती है. आपको ऐलिस इन वंडरलैंड का यह रोचक प्रसंग तो याद ही होगा जब सफेद रानी ऐलिस से 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 जोड़ 1 का मान पूछ उससे गणितीय कौशल का परिचय लेने की कोशिश करती है.

2.        यूलर का नाम गणित के अबतक के इतिहास में सबसे अधिक प्रेरणादायक है. 26 वर्ष की अवस्था में जब युलर की दोनों आँखे नही रही और वो पूर्ण रूप से अंधे हो गये तब भी गणित के प्रति उनका प्रेम कम नही हुआ. उन्होंने अपने रसोइया की मदद से गणित पर शोध जारी रखा और कहते हैं उन्होंने लगभग 900 से अधिक रिसर्च पेपर भी लिखे. आज सम्मिश्र संख्या (complex number) के लिए प्रयुक्त आयोटा जिसे i से सूचित करते हैं, योग के लिए , एक्सपोनेंशियल के लिए e जैसे संकेत इन्ही की दें है.

3.        आप जानते हैं की पाई का सही मान दशमलव के चार अंक तक निकालने का श्रेय भारतीय गणितग्य आर्यभट को जाता है पर आर्कमिडीज ने इनसे पहले पाई का आसन्न मान 22/7 और 223/71 के बीच रहने का दावा किया था. आज पुरे विश्व में पाई के इन दोनों मान 3.14 के लिए अमरीकी कैलंडर के हिसाब से 3/14 अर्थात 14 मार्च को पाई दिवस और 22/7 अर्थात 22 जुलाई को pi approximation day के रूप में मनाया जाता है.

4.        पियरे डी फ़रमा यूँ तो पेशे से वकील थे पर गणित से उन्हें बेहद प्रेम था. गणित पर घंटो पुस्तक पढना और शोध करना उनके जीवन का एक हिस्सा था. एक बार फ़र्मा पाइथागोरस प्रमेय पर पुस्तक पढ़ते समय अपनी पुस्तक के एक कोने में लिख बैठे की xn + yn zn यदि n का मान 3 या इससे अधिक है पर इसका हल लिखना भूल गये. 1637 के इस समस्या को हल करने में कई शदी बीत गये यहाँ तक की इसे हल करने वालों को भारी इनाम की घोषणा भी हुई पर इसे कोई सिद्ध नही कर पाया. 1993 में एंड्रू विल्स ने इसे सिद्ध करने में सफलता पाई और लगभग 350 वर्षों से लटकी इस गणितीय गुत्थी को आख़िरकार गणित के हौसले से जीत ही लिया गया

 

डॉ राजेश कुमार ठाकुर


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