क्या आप जानते हैं –
अली
नेसिन को टर्की में गणित ग्राम की स्थापना और गणित के प्रचार -प्रसार के लिए 2018
में लीलावती पुरस्कार प्रदान किया गया. हाँ वही लीलावती – महान गणितज्ञ
भास्कराचार्य की सुपुत्री. लीलावती पुरस्कार प्रत्येक 4 वर्ष में एक बार गणित को
लोकप्रिय बनाने के लिए गणितज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया जाता है . अली नेसिन कहते हैं – गणित सही उत्तर खोजने की कला नहीं बल्कि यह समझने की कला है की
उत्तर सही क्यों हैं . चलिए उनके इसी कथन को साक्षी मानकर हम भी ऐसा ही कुछ सत्य
खोजने का प्रयास करें. मानसून ने देश में दस्तक दे दी है और बारिश में
भींगना किसे अच्छा नहीं लगता ? शायद आप भी अपने बचपन को याद कर रहे होंगे. चलिए एक
प्रश्न से शुरआत करें – यदि बारिश में एक एक व्यक्ति दौड़ रहा हो और एक व्यक्ति चल
रहा हो तो कौन अधिक गीला होगा ? सुनने में यह सवाल अटपटा लगता है . मैंने यह सवाल
कई लोगों से पूछा. मुम्बई से नितिना शुक्ला जी ने जबाब दिया – अगर दोनों के हाथ
में छाता हो या दोनों फ्लाई ओवर के नीचे चल रहे हों या रेनकोट पहने हों तो कोई भी
गीला नहीं होगा. यह जबाब भी बड़ा खुबसूरत है आखिर गणित हर संभावनाओं पर सोचने की
आजादी जो देता है. खैर इस प्रश्न के उत्तर के लिए कई अन्य संभावनाओं पर काम करना
पड़ेगा जैसे – उस व्यक्ति को भींगते हुए कितनी दुरी तक जाना है यह तय करेगा की
व्यक्ति कितनी देर बारिश में रहेगा. मान लीजिये आप और आपके मित्र दफ्तर से घर जाते
हुए बारिश में फंस गये और 100 मीटर दुरी पर एक मकान आपको दिख गया जहाँ जाकर आप
बारिश में भींगने से बच सकते हैं. अब अगर पैदल जाने वाले की चाल 2 मी/से तथा दौड़ने
वाले की चाल 10 मी/से हो तो पैदल जाने वाले को 100/2 = 50 सेकेण्ड लगेगा जबकि उसी
दुरी को दौड़ने वाला 100/10 = 10 सेकेण्ड में तय करेगा. इसका मतलब ये हुआ की दोनों
के भींगने का समय अलग है तो निर्णय कैसे होगा. इसका जबाब ये है की दौड़ने वाले को
भी 50 सेकेण्ड भींगने पर ही इस प्रश्न का उत्तर सही तरीके से दिया जा सकता है.
अर्थात अगर पैदल 100 मीटर चल रहा है तो दौड़ने वाले को 500 मीटर चलना पड़ेगा. 2012
में ट्रेवर वालिस और थॉमस पीटरसन ने इसी प्रश्न का उत्तर ढूंढने की कोशिश की और
इसके लिए उन्होंने विशेष प्रकार के रुई के
फार वाले कपडे सिलवाए और दोनों ने समान दुरी भाग लेकर यह पाया की दौड़ने वाले के
कपडे में 40% अधिक गीले हो गये. इस आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जाना की दौड़ने वाला
अधिक भिगेगा गलत होगा क्योंकि यहाँ कई
तथ्य हमने नजरअंदाज कर दिए मसलन – बारिश की बुँदे उर्ध्वाधर हैं या किसी कोण के साथ
बारिश की बुँदे गिर रही हैं. इटालियन वैज्ञानिक फ्रांको बोची (Franco Bocci) ने मनुष्य की जगह घनाभ और बेलन पर यही प्रयोग
किया और पाया की वस्तु के आकार , बारिश के दौरान हवा की गति और दिशा भी एक कारक हो
सकते हैं. 1976 में इसी प्रश्न का उत्तर
खोजने का एक प्रयास हार्वर्ड के गणितज्ञ डेविड बेल ने किया और पाया की अगर वरिश की
बुँदे उर्ध्वाधर (vertical) गिर रहीं हों तो आपको दौड़ना चाहिए क्योंकि आप
जितना तेज दौड़ेंगे उतना कम गीला होंगे . यदि बारिश के साथ हवा आपके पीछे से बह रही
है तो हवा की गति से दौड़ने पर आप कम गीले होंगे . चूँकि दौड़ने पर आप हवा को चीरते
हुए आगे बढ़ते हैं इसलिए आपका अगला हिस्सा भी गीला हो रहा है अतः बारिश में आपका
गीला होना सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है की आप अपने आश्रय तक कितनी देर में
पहुंचते है और उस समय हवा की गति , वर्षा की गति , बारिश की बूंदों का आकार और
आपकी गति कितनी है. यदि आप चलते हैं तो
बारिश की बुँदे आयताकार रूप से आप के ऊपर गिरती हैं और दौड़ने से यह आयत सिकुड़ जाता
है और आप कम भींगते हैं.
डॉ
राजेश कुमार ठाकुर
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