क्या आप जानते हैं ?
संख्याओं का संसार भी बड़ा ही अद्भुत है. गिनती के लिए जरूरत
में प्रयोग आने वाली संख्या कैसे- कैसे अलग- अलग प्रयोग में आती गयी और इसके रूप
बदलते गये. रामानुजन तो शायद इसी वजह से संख्या को अपना पसदीदा मित्र कहते थे.
शकुंतला देवी का मानना था की आपके आस-पास जो कुछ भी मौजूद है वो संख्या का ही एक
रूप है. गणितज्ञों ने संख्या को ज्यामिति के साथ जोड़ा और त्रिभुज,
पंचभुज , पिरामिड जैसे कई
ज्यामितिक आकृति में संख्या को लिखने में सफलता पाई. यही नहीं,
संख्या के अंदर नये- नये पैटर्न को देखने के लिए गणितज्ञों ने काफ़ी मेहनत की और
फिर संख्या के अद्भुत पैटर्न से गणित को जोडकर इसमें रोचकता पैदा की. आइये कुछ
रोचक पैटर्न को देख आप भी गणित का आनंद लें. यहाँ मैं कुछ अलग पैटर्न की बात करता
हूँ जिसको आपने बहुत ही कम देखा होगा.
संख्या 76923:- संख्या 76923 को 1, 10, 9, 12, 3
तथा 4 से गुणा करने पर परिणाम संख्या के अंकों को 1 – 1 अंक आगे खिसकाने से बनी नई
संख्या के बराबर होता है. जैसे 076923 को 10 से गुणा करने पर संख्या के इकाई अंक
में शून्य लग गया और परिणाम 769230 हो गया जबकि इसे 9 से गुणा करने पर 769230 के
अंको का क्रम वृताकार रूप में परिवर्तित होते हुए 7 इकाई के स्थान पर आ गया. यही
क्रम अन्य संख्या के साथ हो रहा है.
ऐसा ही क्रम आपने संख्या 142857 में देखा होगा.
142857 को 1 से 6 तक की संख्या के साथ गुणा करने पर 142857 के अंक ही चक्रीय क्रम
में आगे बढ़ते हैं. जैसे -
संख्या के अंको के योग का घात और संख्या के बीच सम्बन्ध :- महानतम गणितज्ञों में से एक कार्ल फ्रेडरिक गॉस ने संख्या का एक अद्भुत पैटर्न देखा जिसमें संख्या के अंकों का योग का n घात संख्या के मान के बराबर होता है. जैसे -
अब कुछ ऐसे ही संख्या के बारे में जानकारी लेने का प्रयास करें |
तथा
संख्या अपने अंदर इस तरह की कई सुन्दरता छिपाए बैठी है जिसे समझने की जरूरत है और साथ ही इनसे ऐसे मनमोहक और मनोरंजक पैटर्न निकालने की जरूरत है जिससे गणित के रहस्यों को उद्घाटन किया जा सके और साथ ही गणित में मनोरंजकता लाया जा सके.
डॉ राजेश कुमार ठाकुर
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