बड़ी – बड़ी संख्याओं को जब
लिखने में होती थी परेशानी
हल लेकर भारत आया तब
विश्व को हुई आसानी ..
1 से 9 तक के अंको में
0 का जब हुआ प्रवेश
दाशमिक प्रणाली के आगमन से
हर्षित हो गया देश- विदेश .
भास्कराचार्य की लीलावती में
बीजगणित का मान बढाया
पाई, दशमलव, अंकगणित में
भारत ने प्रथम कदम बढाया .
शुल्व सूत्र ने विश्व पटल पर
खोल दिया ज्यामिति का राज
आर्यभट्ट के त्रिकोंणमिति से
विश्व अचंभित है आज
चाहे हो श्रीधर का द्विघात समीकरण
या रामानुजन का संख्या से प्यार
भारत की गणितीय गाथा का
आज ऋणी पूरा संसार
डॉ राजेश कुमार ठाकुर
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