आओ आओ खेलें खेल
चल पड़ी अंको की रेल
आकर बैठो डब्बों में
चलो करे दुनिया की सैर।
एक , दो, तीन , चार
डिब्बे इसमें नौ है यार
पांच, छह , सात , आठ
अंको की देखो तुम ठाठ ।
एक अंक की इन संख्या का
बोलो तुम राजा है कौन?
जोर लगाकर मिलकर बोलो
नौ नौ नौ नौ ।
ड्राइवर जीरो बैठा है आगे
संख्या रेल पटरी पर भागे।
पहले अरब की सैर करे हम
अलख जगा दुनिया मे आगे ।
सरपट खटपट दौड़ा रेल
खुशी में खोला मोर ने पंख
इन दस अंको ने मिलकर
बना दिया संख्या असंख्य।
डॉ राजेश कुमार ठाकुर
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