क्या आप जानते
हैं ??
गणित का क्षेत्र ऐसा
मनमोहक है कि इसके सम्मोहन में जो आया वह इसी का होकर रह गया। यदि गणित के जादू की
बात करें तो इसकी झप्पी हर क्षेत्र के व्यक्ति के लिए हमेशा खुला रहा।
पियरे डी फरमा पेशे से
वकील, गैलिलियो पेशे से
डॉक्टर, कार्डेनो भी पेशे
से डॉक्टर, एलन टूरिंग एक
घावक, लेविस कैरोल बाल
उपन्यासकार ने गणित को अपनाकर एक महान गणितज्ञ की भूमिका का निर्वहन किया।
बात इतने में खत्म नहीं
हुई बल्कि आज हम गणित को प्यार करने वाले ऐसे व्यक्तियों पर चर्चा करेंगे जिन्हे
किसी विश्वविद्यालय से गणितीय डिग्री हाशिल करने का मौका तो नहीं मिला पर इनके
गणितीय खोज और शोध ने इन्हें अमर कर दिया।
बात की शुरुआत रामानुजन
से करें। दसवीं तक पढ़ाई में धूम मचाने के बाद लगातार 3 बार ग्यारहवीं
की परीक्षा में असफल रामानुजन , गणित से इस कदर प्यार करने लगे कि हर जगह उनकी गणितीय
प्रतिभा की चर्चा होने लगी। जी एच हार्डी को जब इनकी गणितीय खोज का पता इनके भेजे
पत्र से चला तो इन्हें इंग्लैंड बुला लिया। इनके साथ मिलकर गणित के कई शोध पत्र
लिखे और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने इन्हें इनके शोध के लिए बीए की उपाधि जो आजके
पी एच डी के बराबर है प्रदान किया। आज उनके सभी 4000 के करीबन प्रमेय
सिद्ध हो चुके हैं।
इसी कड़ी में बात करें
मेरी एवेरेस्ट बूले की। 11 साल की छोटी उम्र में विद्यालयी शिक्षा से अलग होने के बाद
भी गणित से प्रेम कम नहीं हुआ। गणित की स्वयं ही पढ़ाई और खोज जारी रखी। क्वीन
कॉलेज के प्रोफेसर जॉर्ज बूले से गणित का प्राइवेट ट्यूशन जारी रखा और इसी
महाविद्यालय में लाइब्रेरियन का पद पाने में सफलता प्राप्त की। गणित में इनकी रुचि
को देखते हुए जॉर्ज बूले ने इन्हें कॉलेज के छात्रों को गणित पढ़ाने के लिए
अनाधिकृत रूप से मैरी को इजाजत दी क्योंकि उस समय विश्वविद्यालय किसी महिला को
पढ़ाने का अधिकार नहीं था।
मेर्री ने गणित को रोचक
बनाने के लिए कई पुस्तकें लिखी जिनमे बीजगणित में आनंद और दर्शन (Philosophy and Fun in
Algebra) लोकप्रिय है। बूलियन अलजेब्रा के पिता समझे जाने वाले जॉर्ज
बूले ने बाद में मेरी से शादी कर ली।
अमेरिकी गणितज्ञ केन ओनो
को लोग रामानुजन से सबसे अधिक प्रभावित मानते हैं। इनके पिता इन्हें गणित पढ़ाना
चाहते थे पर इन्हें गणित से कतई प्यार नहीं था और हाई स्कूल की पढ़ाई बीच मे छोड़कर
ये घर से भाग गए। कुछेक वर्ष के बाद जब इनको रामानुजन की संघर्ष गाथा पता चला तो
इन्होंने गणित पढ़ने का मन बनाया और फिर कुछेक प्रोफेसर की अनुशंसा पर इन्हें सीधे
स्नातक में दाखिला मिल गया। फिर इन्होंने गणित में रामानुजन के शोध क्षेत्रो पर
काम करना शुरू किया। 2015 में इन्होंने रामानुजन के ऊपर एक फ़िल्म द मेन हु न्यू
इंफिनिटी निर्माण में स्क्रिप्ट लिखने में
अपनी भूमिका निभाई।
इसी कड़ी को अंत महान
गणितज्ञ में शुमार स्टीफन बनच ( Stephan Bananch) से करेंगे। इनका बचपन बड़ा ही कष्टमय रहा। जन्म
के पश्चात मां छोड़कर चली गयी और पिता ने कम उम्र में ही घर चलाने की जिम्मेदारी
डाल दी जिस कारण स्कूली शिक्षा अकसहे से नहीं कर पाए। लेकिन गणित में अपने प्रेम
की वजह से गणित की नई शोध पढ़ना , पुस्तकों से लगाव जारी रखा। गजब की तार्किक और मानसिक
मजबूती की वजह से इन्हें पॉलिटेक्निक कॉलेज में एक गणित प्रोफेसर के असिस्टेंट की
नौकरी मिल गयी। जल्द ही स्टीफन ने अपनी योग्यता को साबित किया। इनके गणितीय शोध को
देखते हुए विश्वविद्यालय ने इन्हें पी एच डी की डिग्री प्रदान की।
स्टीफन को आदुनिक फंक्शनल
एनालिसिस के अग्रणी गणितज्ञों की श्रेणी में रखा जाता है साथ ही टोपोलोजी कल
वेक्टर स्पेस के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गणित अनिश्चितता का
क्षेत्र जरूर है पर इससे प्यार करने वाला सदा इसका होकर रह गया।
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