Sunday, May 28, 2023

शून्य सम है या विषम

 

ऐसा क्यों होता है?

प्रश्न:- शून्य सम संख्या है या विषम ?

यह निश्चित रूप से एक विवाद का विषय है. अधिकांश लोग शून्य को सम संख्या समझते हैं और वे सही भी हैं.

डॉ जेम्स ग्रीम ने 1990 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मिलेनियम मैथ प्रोजेक्ट में एक सर्वे कर पाया कि जब बात आती है कि शून्य सम है या विषम तो 10% लोग इस निर्णय को लेने में असमंजस में रहते है. डॉ ग्रीम ने प्राथमिक छात्रों पर भी एक शोध किया और पाया कि 50% छात्र यह मानते हैं कि शून्य सम संख्या है , 20% छात्र ये मान रहे थे कि शून्य विषम संख्या है जबकि 10% छात्रों ने कोई भी उत्तर देने से मना कर दिया.  वर्ष 1600 के पहले शून्य के बारे में लोगों का निर्णय अलग था पर इसी वर्ष से शून्य  को सम संख्या के लिस्ट में शनील किया 1977 में पेरिस में प्रदुषण का स्तर बढ़ने के कारण गाड़ियों को सम और विषम संख्या के नंबर प्लेट के हिसाब से चलाने का निर्णय लिया गया परन्तु शून्य से अंत होने वाले गाड़ी के नम्बर प्लेट को इससे छुट मिल गयी क्योंकि पुलिस शून्य को सम या विषम के रूप में अंतर करने में असमर्थ थे. एक और मजेदार वाकिये के साथ कहानियों को यहीं विराम देंगे. 2012 में अमेरिका में सुपरस्टॉर्म सैंडी नामक तूफान आया और बाढ़ और बिजली गुल होने कि वजह से लोगों तक राशन पहुचाने में दिक्कत हो गयी. उस समय न्यूयार्क शहर के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग ने घोषणा कि जिन ड्राईवर के गाड़ी का अंतिम अंक शून्य या सम संख्या है वो सम संख्या वाले और जिनके गाड़ी का आखिरी अंक विषम है वो विषम संख्या वाले दिन अपनी गाड़ी में इंधन ले सकते है.

यूरोपियन घरों के नम्बर बड़े मजेदार होते हैं. यहाँ रोड के एक हिस्से में विषम संख्या वाले घर होते हैं और दूसरी ओर सम संख्या वाले घर.

 
                 

शून्य के सम या विषम के बारे में चर्चा के पहले ये जानना आवश्यक है कि सम संख्या किसे कहते हैं ?

a)कोई भी पूर्णांक जो 2 से विभाजित हो सम संख्या कहलाती है और इसे 2n के रूप में लिखते हैं जहाँ n एक पूर्णांक संख्या है . इस हिसाब से 0 = 2 x 0 भी कह सकते है और फिर इसे सम संख्या मानने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

b)इसे दुसरे तरीके से भी समझने का प्रयास करें. आपको पता है दो सम संख्या का योग एक सम संख्या होता है. जैसा कि परिभाषा से साफ है – सम संख्या एक पूर्णांक है जो 2 से विभाजित हो. अगर हम 2 को सम संख्या कहते है तो -2 भी सम संख्या होगी. और सम संख्या + सम संख्या = सम संख्या. अतः (+2) + (-2) = 0 भी एक सम संख्या होगी . इसे हम थोडा और विस्तार से समझने का प्रयास करें. जैसा कि हमें पता है – सम संख्या + सम संख्या = सम संख्या. अर्थात दो सम संख्या को जोड़ने से सम संख्या परिणाम देता है. वहीँ हमे यह भी मालूम है कि किसी संख्या में शून्य को जोड़ने से परिणाम वही संख्या आती है. 2 एक सम संख्या है और 2 में 0 जोड़ने पर 2 + 0 = 2 (सम संख्या) ही आता है इसलिए हम कह सकते हैं कि 0 एक सम संख्या है.  

c) 2 से विभाजित कि जाँच के नियम के अनुसार किसी संख्या को 2 से भाग देने पर शेषफल 0 आता है.  जैसे – 8 एक सम संख्या है और 

d) अंत में सम संख्या में से 2 को घटाने कि प्रक्रिया दोहराते है. 

डॉ राजेश कुमार ठाकुर

 

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गणित और रामायण

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