क्या आप जानते हैं ?
कौन
कहता है संख्याएं नहीं बोलती ?
संख्या की भाषा समझने के लिए आपको इससे दोस्ती
करनी पड़ेगी. इसके पैटर्न को देखने की जरूरत पड़ेगी और तभी आप आनंद की अनुभूति कर
पाएंगे. गणित में कई संख्याएं ऐसी हैं जिन्हें उनके खोजकर्ताओं के नाम पर रखे गये
हैं. मसलन – रामानुजन संख्या,
पाइथागोरस संख्या, फिबोनिकी
संख्या, कापरेकर संख्या ,
आर्मस्ट्रांग संख्या इत्यादि. यदि मैं
आर्मस्ट्रांग संख्या की बात करूं तो यह तीन अंको की ऐसी संख्या हैं जिनके अंकों के
घनों के योग से संख्या को प्राप्त किया जा सकता हैं. जैसे = 153, 370, 371, 407.
इसी क्रम में अगर आगे बढ़ें तो हम कुछ और मनोरंजक
संख्या पाएंगे. नीचे दिए संख्या को ध्यान से देखिये. यहाँ संख्या को उनके अंको के
बढ़ते क्रमागत घात के रूप में लिखा गया है.
ये तो रही तीन अंकों की संख्या की बात. अब हम
बात करते हैं चार अंकों की संख्या की जिन्हें उनके अंकों के क्रमागत घात के योग के
रूप में लिखा जा सके –
अगला उदाहरण जो बड़ा ही सुंदर है. यहाँ संख्या के
अंको को संख्या के वास्तविक मान के घात के रूप में लिखकर जोड़ने जो संख्या प्राप्त
होती है वह मूल संख्या के बराबर होती है.
अब हम संख्याओं के युग्म की बात करेंगे. संख्या के
दो युग्म को जोड़ने और गुणनफल से प्राप्त संख्या एक दुसरे के उलट हैं. जैसे 18 के
अंकों को परिवर्तित करने पर हमें 81 प्राप्त होता है. 123 के अंको के क्रम को
बदलने पर हमें 321 प्राप्त होती है. हम ऐसे ही कुछेक युग्मों पर विचार करें
अब
बात करते हैं – क्रमचय और संचय में प्रयोग होने वाले गणितीय संकेत फ़ैक्टोरियल (!)
की जिसका अर्थ उस संख्या से 1 तक का घटते
क्रम में गुणनफल होता है. मसलन – 5 ! = होता है . यहाँ कुछेक
संख्या की बात करें जिनके अंको के फ़ैक्टोरियल का योग संख्या ही है.
जब
बात बढ़ ही चली तो क्यों ना संख्या के सौन्दर्य का एक अनूठा उदाहरण देखने का प्रयास
करें
यहाँ
संख्या के अंतिम 1,2, 3 , 4. . .
अंकों के घन को शेष संख्या में जोड़ने पर मूल संख्या प्राप्त होती है. आप ऐसे कुछेक
अन्य संख्याओं को खोजने का प्रयास करें.
अंत
में बात करते हैं संख्या 2178 की. इस संख्या को 4 से गुणा करने पर हमे परिणाम 2178
x 4 = 8712 प्राप्त
होता है. अब इस संख्या के बीच में 9 डालते जाइये और परिणाम में भी 9 की उतनी ही
पुनरावृति का मजा लीजिये. बात समझ आ जाये तो और भी इस तरह के प्रयास करना जारी
रखिये और गणित का आनंद लीजिये.
संख्याओं
का संसार सचमुच ही बड़ा अद्भुत है. आप इस सागर में डूबकर तो देखिये और फिर मोती-
माणिक के अनमोल खजाने को खोजने का प्रयास कीजिये जो ना सिर्फ आपको आनंद देगी बल्कि
आपके आस-पास के लोगों को भी गणित के इस रहस्य से परिचय कराकर आप उनके जीवन में भी
प्रकाश भरने में सफल हो जायेंगे .
डॉ
राजेश कुमार ठाकुर
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