क्या आप जानते हैं ?
· भारत के महान गणितज्ञों में से एक
भास्कराचार्य के अनुसार पृथ्वी को सूर्य की कक्षा के चारो ओर चक्कर लगाने में
365.258756484 दिन लगता है जो की आज के वैज्ञानिकों द्वारा तय दिनों से मात्र
0.00085 दिन कम था. इसका वर्णन उन्होंने अपनी पुस्तक “सूर्य सिद्धांत” में किया है.
·
मानव
कंप्यूटर कही जाने वाली स्वर्गीय शकुन्तला देवी ने 18 जून 1980 को दो बड़ी संख्या
को 28 सेकेण्ड में गुणा कर अपनी गणितीय
गणना की अतुलनीय क्षमता का प्रदर्शन किया. आपको हैरानी होगी की ये दोनों संख्या
इम्पीरियल कॉलेज लन्दन के कंप्यूटर विभाग द्वारा चुने गये दो संख्या को सिर्फ 28
सेकंड में करके गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर भारत का कीर्ति पताका फहराया.
ये संख्या और इसका उत्तर देख आप आनंद विभोर हो जायेंगे 7,686,369,774,870 x
2,465,099,745,779 = 18,947,668,177,995,426,462,773,730
·
आपने
फिबोनिकी श्रेणी के बारे में तो जान लिया – ऐसी श्रेणी जिसमे अगली संख्या पिछले दो
संख्याओं के योग के बराबर होता है जैसे – 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89---
इत्यादि. इस श्रेणी से एक नई संख्या निकलती है जिसे गोल्डन नंबर या स्वर्ण संख्या
कहा जाता है और इसका मान 1.616... होता है और इस महत्वपूर्ण संख्या का उपयोग
लियोनार्ड द विन्ची ने अपनी बहुमूल्य चित्र मोनालिसा बनाने में किया था. यदि दो
रेखाखंड AB(a) और BC(b) आपस में इस तरह जुड़े हों कि AC
: AB = AB : BC हो तो इससे प्राप्त अनुपात का मान
1.616... होता है
साथ
ही विश्व के कई ऐतिहासिक स्मारक की संरचना में भी इस संख्या का उपयोग किया गया है.
आपको आश्चर्य होगा की हमारी
धरोहर ताजमहल में भी स्वर्ण संख्या मौजूद है.
· क्या आपने परिपूर्ण संख्या (Perfect
Number) के बारे में सुना है? परिपूर्ण संख्या ऐसी
संख्या होती है जिसके गुणनखंडो (स्वयं को छोड़) का योग उस संख्या के बराबर होता है.
जैसे 6 एक परिपूर्ण संख्या है क्योंकि इसके गुणनखंड 1,
2, 3 का योग 1 + 2 + 3 = 6 होता है. इसी तरह दूसरी
परिपूर्ण संख्या 28 है क्योंकि इसके गुणनखंड 1, 2, 4, 7 एवं 14 का योग 1 + 2 + 4 + 7 + 14
= 28 होता है. 100 तक की संख्या के बीच सिर्फ 2 ही परिपूर्ण संख्या हैं 6 और 28.
अब तक 24 परिपूर्ण संख्या के बारे में पता चला है जिनमे 6,
28,496, 8128, 33550336, कुछेक परिपूर्ण संख्या हैं.
· गणित में सबसे बड़े पुरस्कार – फील्ड
मेडल है जिसे गणित का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है. यह पुरस्कार 40 वर्ष से कम उम्र
के गणितज्ञ को गणित के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि के लिए दिया जाता है. गणित में
नोबेल पुरस्कार क्यों नही दिया जाता है इस सम्बन्ध में कई विवाद है पर जो भी हो इस
पुरस्कार में विजेता को नगद इनाम के अलावा एक मेडल दिया जाता है जिसमे आर्कमिडीज
का चित्र बना होता है. यह पुरस्कार कनेडियन गणितज्ञ जॉन चार्ल्स फील्ड के नाम से
1936 से लगातार प्रत्येक 4 वर्ष में एक बार दिया जाता है. भारतीय मूल के गणितज्ञ
मंजुल भार्गव को 2014 में और अक्षय वेंकटेश को 2018 में इस पुरस्कार से नवाजा गया था.
डॉ राजेश कुमार ठाकुर
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