क्या आप जानते हैं – 89
लघुगुणक के पिता कहे जाने वाले जॉन नेपियर ने ना सिर्फ लघुगुणक सारिणी बनाई बल्कि गणना को सरल करने के लिए उनके किये अन्य प्रयास भी सराहनीय है. खासकर उनके द्वारा बनाये रॉड जिसे नेपियर रॉड या नेपियर बोन कहा जाता है. ऐसे तो भारत जैसे देश में पहाड़े याद करने कि एक लम्बी परम्परा है पर खेल- खेल में बिना पहाडे याद किये भी बच्चे को गुणा, भाग और वर्गमूल जैसे कठिन लगने वाले गणितीय सिद्धांत सिखाने हों तो यह बड़ी कारगर है. नेपियर ने 0 से 9 तक के पहाड़े को एक आयताकार चतुष्फलक के चारो ओर लिखने का प्रयास किया जिसकी मदद से गुणा मात्र योग जितना आसान और भाग घटा कि संक्रिया में बदल जाता है. आधुनिक रॉड के द्वारा वर्गमूल भी आसानी से किया जा सकता है. प्रत्येक रॉड में 10 वर्गाकार खाने होते हैं और पहले खाने को छोड़ सभी खाने में वर्ग को विकर्ण के द्वारा विभाजित किया जाता है. यही प्रक्रिया चारो तरफ अपनाई गयी है जिससे 4 अंक तक के गुणा के लिए आपको एक सेट , 8 अंक तक के लिए 2 और 12 अंक तक के लिए तीन सेट कि जरूरत पड़ेगी. इसकी क्रिया प्रणाली को समझने के लिए हम कुछेक उदाहरण का सहारा लेते हैं. मान लीजिये कि आपको 425 को 5 से गुणा करना है तो आप सबसे पहले तीन रॉड 4. 2 और 5 वाला प्रयोग में लायेंगें. अब इसे 5 से गुणा करना है तो इनपर 5 के साथ लिखे संख्या को अपनी कॉपी पर अंकित करेंगे. परिणाम को विकर्ण के सदिश योग करने पर उत्तर प्राप्त हो जाता है .
अर्थात 425 × 5 = 2125 होगा. मान लीजिये आपको 825 × 913
करना है तो आप 8. 2 और 5 के रॉड में 9 , 1 और 3 के सामने लिखे अंक को अपनी कॉपी
में लिखेंगे. प्रत्येक परिणाम को विकर्ण
के सदिश जोड़ें और उसके नीचे दिखाए गये
तरीके से लिखें
अब गुणा के तरीके से इन्हें स्थानीय मान का ध्यान रखते हुए
लिखें आपको अंतिम परिणाम प्राप्त हो जायेगा.
2475 + 8250 + 742500 = 753225
भाग करने के लिए भाजक के सभी अंक के लिए आपको रॉड कि जरूरत
पड़ेगी. फिर इन अंको के सामने लिखे अंको को 1 से 9 तक क्रम से आप विकर्ण के सदिश
योग करके लिखेंगे और भाग की साधारण विधि कि तरह आगे बढ़ेंगे. अगर आपको 46785399 में
96431 से भाग देना है तो 96431 वाले रॉड के प्रत्येक पंक्ति में लिखे अंको को
विकर्ण के अनुदिश योग करेंगे और फिर भाग की साधारण विधि सरीके तबतक भाज्य में भाजक
का गुणनफल घटाएंगे जबतक कि अंतिम परिणाम भाजक से छोटा ना हो जाये.
यह विधि देखने में अटपटा जरुर दिखता है पर 16 वी सदी में
इसके खोज ने निश्चय ही क्रांति ला दी. 1617 में इसके खोज के बाद जॉन नेपियर ने यह
खोज अपने मित्र एलेग्जेंडर सेटन (Alexander Seton) को समर्पित कर दी. वर्गमूल वाले
रॉड में मुख्य रॉड के अलावा दो अन्य रॉड जिनमे संख्या का दोगुना और 1 से 9 तक कि
संख्या का वर्ग होता है वाली एक अन्य रॉड का प्रयोग किया जाता है.
डॉ राजेश कुमार ठाकुर
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