क्या आप जानते हैं
बड़ी
– बड़ी अट्टालिकाओं के निर्माण में गणित का जबरदस्त प्रयोग होता रहा है यह कोई नयी
बात नहीं है. मैं पिछले हप्ते जब आईआईएम अहमदाबाद में दिल्ली एससीईआरटी द्वारा
प्रायोजित कार्यक्रम में भाग लेने यहाँ आया तो यहाँ की वास्तुकला ने बेहद प्रभावित
किया . इसके ज्यामितिक डिजाईन का जीवंत रूप पूरा गणितीय था. लुइस कान (LOUIS KAHN) जो एक
अमेरिकी वास्तुकला विशेषज्ञ थे – वर्ग, चाप, वृत्त, ब्रेचिस्तोक्रोन वक्र जैसे गणितीय संरचना का
प्रयोग इन इमारतों को बनाने के लिए किया. आज के अंक में कुछ गणितीय संरचना कि बात
करेंगे और जानने का प्रयास करेंगे कि इनका वास्तुकला में क्या महत्व है.
वृत्त:- द्विविमीय आकृतियों में
सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली आकृति वृत्त है जो अन्य आकृतियों में सबसे अधिक मजबूत
समझी जाती है और शायद इसी लिए वास्तुकला में इसे अन्य आकृतियों कि अपेक्षा अधिक
लोकप्रिय माना जाता है. वृताकार रचना कि
दूसरी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एक लगभग समान क्षेत्रफल देने वाले तीन आकृति –
वर्ग, आयत और वृत्त की तुलना करें तो वृताकार
दीवार बनाने में वर्गाकार दीवार के तुलना में 10% कम और आयताकार संरचना की तुलना
में 15% कम ईटों कि खपत होती है. यही नहीं
वृताकार संरचना कि वजह से इसके रख-रखाब में कम खर्च होता है. किसी इमारत का आकर इस
बात से प्रभावित रहता है कि उसकी बाहरी संरचना भवन के अंदर कितना वायु प्रवाह, रोशनी का संचार करने में सफल है.
एक गोलाकार संरचना एक वर्ग या आयत की तुलना में हवा के भार
को बेहतर ढंग से झेल सकती है; चूंकि हवा
दीवार की सतह के एक छोटे से हिस्से से टकराती है और फिर संरचना के चारों ओर बहती
है, एक वृताकार
इमारत आमतौर पर उच्च वायु बलों का सामना कर सकती है और विनाशकारी उच्च और निम्न
वायु दाब क्षेत्रों को विकसित करने के बजाय एक गोल इमारत के चारों ओर घूमने की
अनुमति देता है जिसकी वजह से इमारत अधिक मजबूती से खड़ा रह सकता है. वस्तुतः यदि
किसी बहुभुज जिसकी 20, 30, 50, --- भुजा हो तो उसकी संरचना एक वृत्त
जैसे दिखने लगती है. यहाँ लगभग समान
एक 12 भुजा वाले बहुभुज जिसकी भुजा 4 फीट
है ; का क्षेत्रफल 180 वर्गफीट तथा परिमाप 48 फीट होगी वहीँ एक 10 फूट लम्बाई और
18 फूट चौड़ाई वाले आयताकार दीवार का क्षेत्रफल 180 वर्ग फीट होगा परन्तु इसकी
परिमिति 56 फीट होगा जबकि एक 13.42 फूट भुजा वाले वर्ग जिसका क्षेत्रफल भी लगभग 180
वर्ग फीट होगा का परिमाप 53.68 फीट होगा. यह माप यह बताने के लिए काफी है कि भुजा
बढ़ने से परिमाप कम हो सकता है और वृत्त को शायद इसीलिए वास्तुकला में अन्य संरचनाओ
कि अपेक्षा अधिक पसंद किया जाता है.
वर्ग:- एक
इमारत में आयताकार , L, U या C आकार के बदले वर्गाकार बनाने से 30-40% अधिक
उर्जा कि बचत होती है, कमरे में अच्छी रोशनी और हवा कि
मात्रा घर को गर्मी और ठण्ड दोनों के अनुकूल बनाती है.
अब बात करते हैं चाप नुमा आकृति की. आपने कई ऐसे भवन देखे
होंगे जिसकी दीवार एक चापनुमा आकृति लिए हुए है. वस्तुतः चापनुमा आकृति इमारतों
में ज्यादा मजबूती प्रदान करता है क्योंकि यह एक क्षैतिज बीम कि अपेक्षा अधिक बोझ
उठा सकता है और गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार तनाव को समान रूप से फैलाता है
जिससे रचना देखने में ही अच्छी नही लगती बल्कि उसकी मजबूती भी सुनिश्चित होती है. मेहराब
या चापनुमा आकृति दीवार के भार को संपीड़न द्वारा स्थानांतरित करते हैं, अर्थात भार एक दीवार से दुसरे दीवार जिसके बीच यह बना है को लंबवत या
तिरछे धकेलते हैं और भार के स्थानान्तरण के कारण दीवार में एक मजबूती बनी रहती है.
डॉ राजेश कुमार ठाकुर
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