Monday, July 14, 2025

माया वर्ग का रोचक संसार - राजेश ठाकुर

 

क्या आप जानते हैं ?

जादुई वर्ग का संसार हमेशा से लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करता रहा है और शायद चीन के सम्राट यू को नदी किनारे मिले कछुए पर बनी जादुई वर्ग की आकृति ने अपनी ओर खींच लिया होगा. कहते है, राजा यू ने उस कछुए को ताउम्र अपने राजमहल में भाग्य का प्रतीक मानकर रखा. संभव है उस कछुए के ऊपर बनी गणितीय आकृति जिसे संख्या में बदलने से 3 x 3 का सबसे छोटा जादुई वर्ग बनने का सौभाग्य मिला जिसका योग 15 है. इसके बाद भारत में 4 x 4 जादुई वर्ग जिसे नासिक में पाया गया की बारी आई जिसका स्थिरांक 34 है .मजे की बात ये है की इस जादुई वर्ग को खजुराहो के पार्श्वनाथ जैन मन्दिर के प्रवेश द्वार पर देखा जा सकता है.

   

चलिए ये तो थीं पूर्ण जादुई वर्ग जिसमे पंक्ति, विकर्ण और स्तंभों पर लिखे संख्याओं का योग बराबर होता है फिर बारी आई ऐसे वर्ग का जो कहने को तो जादुई वर्ग जैसा दिखते हैं परन्तु इनमे लिखे संख्याओं का योग हर बार बराबर नही होता और इन्हें किसी विशेष प्रयोजन से बनाया जाने लगा. अब चलिए बार्सिलोना जहाँ अन्तोनी गौदी द्वारा निर्मित सग्रादा फैमिलिया चर्च में बने जादुई वर्ग को देखते हैं. इस जादुई वर्ग में संख्याओं की आवृति भी है और इनका योग 33 है जो प्रभु ईशा मसीह के 33 वर्ष के अल्पायु में शरीर त्यागने का प्रतीक मात्र है.इस जादुई वर्ग में सभी स्तंभों, विकर्ण और पंक्ति पर लिखी संख्या का योग 4 x 4 जादुई वर्ग के नियत स्थिरांक 34 के उलट 33 है. ऐसा ही एक मजेदार जादुई वर्ग है फ्रेंक्लिन जादुई वर्ग जिसे बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने बनाया था. इस जादुई वर्ग (8 x 8) में पंक्ति और स्तंभों की संख्या का योग 260 आता है और साथ ही मुड़ी हुई पंक्ति पर स्थित संख्याओं का योग भी 260 आता है. फ्रेंक्लिन कहते हैं - एक बार मुझे किसी वाद-विवाद में एक श्रोता के रूप में बैठने का मौका मिला और मैं बहस सुनकर थक सा गया था और फिर खाली समय का सदुपयोग मैंने इस जादुई वर्ग को बनाकर किया. ऐसे तो इन जादुई वर्ग के सिर्फ 5 अलग विशेषताओं से फ्रेंक्लिन आश्वस्त थे पर गणितज्ञों ने इस अजीब गुण वाले जादुई वर्ग के कई अन्य राज खोलने का काम किया. जैसे इस वर्ग के चारो कोणों पर स्थित संख्याओ और मध्यवर्ग में स्थित चारो संख्याओं का योग भी 260 होता है.

 52 + 61 + 4 + 13 + 20 + 29 + 36 + 45 = 260

52 + 14 + 53 + 11 + 55 + 9 + 50 + 16 = 260

चारो कोणों पर स्थित संख्या और मध्य वर्ग का योग

52 + 45 + 16 + 17 + 54 + 43 + 10 + 23 = 260

मुड़ी पंक्ति पर स्थित संख्याओं का योग जिसे काले रंग से दिखाया गया है .

61 + 14 + 36 + 19 + 64 + 15 + 18 + 33 = 260

भूरे रंग में मुड़ी पंक्तियों का योग

55 + 6 + 5 + 51 + 46 + 28 + 27 + 42 = 16 + 63 + 57 + 10 + 23 + 40 + 34 + 17 = 260

साथ ही किसी भी दो उप-वर्गों (2 x 2 )का योग 130 पूर्ण वर्ग के स्थिरांक का आधा है. – 4 + 13 + 62 + 51 = 130

लगभग 220 वर्ष के बाद लालभाई पटेल ने 1991 में फ्रेंक्लिन के जादुई वर्ग बनाने सम्बन्धी नियमों की खोज की पर यह नियम कुछ ज्यादा ही पेंचीदा था परन्तु लालभाई बड़ी सुगमता से ऐसे वर्ग बना सकते थे.

डॉ राजेश कुमार ठाकुर

 

 

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