क्या आप जानते हैं –
विलक्षण
प्रतिभा के धनी श्रीनिवास रामानुजन ने इंग्लैंड में अपने प्रवास के दौरान किसी
संख्या को अलग-अलग संख्याओं की मदद से लिखने के एक प्रभावशाली तरीके पर काम करना
शुरू किया जो उनके प्रमुख शोधों में से एक है. 1918 में रामानुजन ने पार्टीशन
नम्बर पर काम करना शुरू किया और बताया कि किसी एक संख्या को विभिन्न तरीके से लिखा
जा सकता है. आगे बात करने के पहले कुछेक संख्याओं को छोटे समूहों में तोड़ने का
प्रयास करते हैं.
4
को 1 + 1 + 1 + 1 = 2 + 2 = 2 + 1 + 1 = 3 + 1 = 4 इन पांच तरीके से लिखा जा सकता
है. अर्थात p(4) = 5 , अगर बात करें 5 की तो इसे 5 = 4+1=3+2= 3+1+1= 2+2+1= 2+1+1+1= 1+1+1+1+1 , अर्थात
7 तरीके से लिख सकते हैं. इसका अर्थ आप ऐसे लगा सकते हैं की जैसे जैसे संख्या
बढ़ेगी उसे छोटे- छोटे समूहों में लिखने के तरीके बढ़ते रहेंगे. एक और उदाहरन संख्या
8 का लेकर इसे समझने का प्रयास करें.
8
= 1 + 1 + 1 + 1 + 1 + 1 + 1 + 1 = 2 + 1 + 1 + 1 + 1 + 1 + 1 = 2 + 2 + 1 + 1 + 1
+ 1 = 3 + 1 + 1 + 1 + 1 + 1 = 2 + 2 + 2 + 1 + 1 = 2 + 2 + 2 + 2 = 3 + 2 + 1 + 1
+ 1 = 3 + 2 + 2 + 1 = 3 + 3 + 1 + 1 = 3 + 3 + 2 = 4 + 1 + 1 + 1 + 1 = 4 + 2 + 1
+ 1 = 5 + 1 + 1 + 1 = 4 + 2 + 2 = 4 + 3 + 1 = 4 + 4 = 5 + 3 = 5 + 2 + 1 = 6 + 1
+ 1 = 6 + 2 = 7 + 1 = 8
यहाँ
8 को 22 अलग तरीके से लिखा गया है; अर्थात p(8) = 22. अगर बात
करें 100 पार्टीशन की तो इसे 190569292
तरीके से लिखा जा सकता है. और 1000 को 24061467864032622473692149727991 तरीको से
लिखा जा सकता है. अब साधारण तरीके से इसके उपयोग की बात करें.
मान
लीजिये आप कक्षा 4 के शिक्षक हैं और आप अपने छात्रों को प्रोजेक्ट सौंपना चाहते
हैं. सभी छात्रों का स्तर समान नहीं है इसलिए आप कुछ बच्चों के लिए अकेले और कुछेक
को समूहों में काम देना चाहते हैं . सामान्य तौर पर,
आप जानना चाहते हैं कि आपकी कक्षा में प्रोजेक्ट विभाजन करने के कितने तरीके हैं - और उस समझ के
साथ, आपको कितनी परियोजनाएं
तैयार करने की आवश्यकता है. अर्थात अगर आपकी कक्षा के 4 छात्रों ने किसी प्रोजेक्ट
के लिए हाँ कहा है तो आपको उनके लिए 5 प्रोजेक्ट बनाने की जरूरत है और 8 छात्र
जिनके सोचने का स्तर भिन्न है के लिए आपको करीब 22 प्रोजेक्ट बनाने की जरूरत
पड़ेगी.
रामानुजन
ने पार्टीशन पर अपने काम से विश्व का ध्यान तो आकर्षित तो किया पर इसके लिए वो कोई
सूत्र नहीं दे पायें. हाँ , उन्होंने इन विस्तार के दौरान जो महसूस किया उसे लिखने
का प्रयास किया. उन्होंने पाया की 4 से शुरू सभी संख्या जिनके बीच 5 का अंतर है ,
जैसे 4, 9, 14, 19, 24 . . . के पार्टीशन की कुल संख्या 5 से विभाजित होगी. इसी तरह 7 और 11 के
अंतर की सभी संख्या क्रमशः 7 और 11 से विभाजित होगी.
आप सोच रहे होंगे की 5, 7,
11 अभाज्य संख्या है इसलिए अगली अभाज्य संख्या 13 से भी इस तरह का कोई सम्बन्ध
निकाला जा सकता है पर 1960 में शिकागो विश्वविद्यालय के प्राध्यापक ओ . एल .
अत्किन ने पाया की के लिए यह मान सही है. केन
ओनो ने सन 2000 में यह पाया की रामानुजन के पार्टीशन संख्या पर 3 से बड़ी प्रत्येक
अभाज्य संख्या के लिए कोई ना कोई विभाजिता सिद्धांत पर आधारित है.
मजेदार
बात यह है की किसी संख्या के पार्टीशन के तरीके को अगर गोले से दर्शाया जाये और
उनके पंक्ति और स्तम्भ को अदला बदली किया जाये तो यह उस संख्या के पार्टीशन का एक
क्रम होगा. साथ ही जादुई वर्ग की तरह अगर इन्ही पार्टीशन को विकर्ण के अनुदिश
घूर्णन किया जाये तो भी एक नया पार्टीशन बनेगा. यथा 14 के एक पार्टीशन को यहाँ
समझे.
डॉ
राजेश कुमार ठाकुर
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